‘तीन तलाक़’ के ख़ात्में का वक़्त | उवेस सुल्तान ख़ान

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‘वैकल्पिक नोबल सम्मान’ देने वाली संस्था के डेलिगेशन में सदस्य के बतौर साल 2015 में मुझे सेंटर फॉर स्टडी ऑफ़ सोसाइटी एंड सेकुलरिज्म, मुंबई जाने का मौक़ा मिला. ये संस्था इस्लाम के मशहूर विद्वान डॉक्टर असग़र अली इंजीनियर ने क़ायम की थी। डेलिगेशन की एक महिला सदस्य जो स्वीडन से थीं, वह चाहती थी कि…

[कहानी] ज़िंदादिल मोहब्बत | शर्जील उस्मानी

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खालिद बेवक़्त बेवकूफ़ी कर बैठा था। बेवक़्त इसलिए कि अभी तो ढंग से मूंछ के रोएँ तक ना आए थे उसके चेहरे पर और बेवकूफी यह कि उसे मुहब्बत हो गई थी। लड़की उसके क्लास की थी, ज़ीनत नाम था। दोनों मुहब्बत की गहराईयों से अनजान थे। कमबख्त, सागर को बारिश की बौछार समझ बैठे।…

مولانا آزاد کا تاریخی شعور| خلیق احمد نظامی

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Maulana Abul Kalam Azad, Education Minister, Govt. of India, presents a silver plaqueto the Prime Minister Shri Jawaharlal Nehru on behalf of the members of the Central Cabinet at a function held in New Delhi on April 12, 1952. The Members of the Cabinet affixed their signatures on the plaque before presentation.

گیارہ قسطوں پر مشتمل مضمون کی پہلی قسط ۔ تاریخی شعور “وجدانِ وقت ” کے سا ے ٴ میں پرورش پاتا ہے، اسی سے تاریخی زہن بنتا ہے اور اسی سے تاریخی تصویر کی آبیاری ہوتی ہے ۔ سیگفرید کرا کور نے ‘دی ہسٹری اینڈ کونسیپٹ آف ٹائم ‘ میں بڑی دیدہ وری سے احساس…