اجالے اپنی یادوں کے ہمارے ساتھ رہنے دو | عبدالحمید

basheer badr

اجالے اپنی یادوں کے ہمارے ساتھ رہنے دو نہ جانے کس گلی میں زندگی کی شام ہو جائے   اس مشہور شعر کے خالق جناب ڈاکٹر بشیر بدر صاحب کا یوم ولادت حال ہی میں ١٥ فروری کو گزرا ہے . بدر صاحب کے اشعار اردو اور غیر اردو داں حلقوں میں جتنے مشہور ہیں…

यह आत्महत्या दरअसल ‘हत्या’ है? | समर अनार्य

the hindu 19 jan 2016

“मैं लिखना चाहता था, हमेशा से, विज्ञान के बारे में, कार्ल सागां की तरह. और आखिर में बस यह एक ख़त (आत्महत्या का) है जो मैं लिख पा रहा हूँ.”- रोहित वेमुला हैदराबाद विश्वविद्यालय में पढ़ रहे दलित शोधार्थी और छात्र नेता रोहित वेमुला ने कभी मरना नहीं चाहा होगा. उम्मीदों और सपनों के साथ…

घेराव | हबीब जालिब

12487095_10156329841080315_1319418043815133185_o

हैदराबाद विश्विद्यालय के युवा शोधार्थी, वैज्ञानिक और सोशल एक्टिविस्ट रोहित वेमुला की मृत्यु पर टीम अवाम की तरफ़ से हबीब जालिब के ये शब्द श्रद्धांजली के रूप में:   सदियों से घेराव में हम थे, हमें बचाने कोई न आया कुछ दिन हम ने घेरा डाला, हर ज़ालिम ने शोर मचाया फिर हमने ज़न्जीरें पहनीं,…