जनवादी लेखक संघ (जलेस) ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय में हुई पुलिसिया बर्बरता पर न्यायिक जांच बैठाने की मांग की है. पढ़ें:
न्यायिक जांच बैठाओ!
एएमयू परिसर में हथियारों के साथ हंगामा करनेवाले हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं और उनका सहयोग करनेवाले पुलिस-बल पर सख्त कार्रवाई करो!
हिन्दुत्ववादी ताक़तों द्वारा विश्वविद्यालयों को अपने निशाने पर लेने के सिलसिले की सबसे ताज़ा कड़ी कल, 2 मई 2018 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के परिसर में सामने आयी. पूर्व उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी को एएमयू छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दिए जाने के मौक़े पर हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता खुलेआम हथियारों के साथ वहाँ प्रदर्शन करने पहुंचे. उन्होंने प्रवेश-द्वार पर हंगामा और मारपीट की और जबरन अन्दर घुसकर दहशत फैलाते हुए ऐसा माहौल बनाया जिससे कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. पुलिसकर्मी मूक दर्शक बने उनकी आपराधिक गतिविधियों को देखते रहे. हामिद अंसारी के ख़िलाफ़ नारे लगाते हुए तमंचे लहराते इन प्रदर्शनकारियों का इरादा पूर्व उपराष्ट्रपति पर हमला करने का भी था, ऐसा चश्मदीदों का मानना है. जब एएमयू के विद्यार्थियों ने कार्यक्रम रद्द होने के बाद बड़ी संख्या में इस शर्मनाक हरकत के ख़िलाफ़ धरना आयोजित किया तो हिन्दू जागरण मंच की कारस्तानी पर मूक दर्शक बनी रहनेवाली पुलिस हरकत में आ गयी और उसने शांतिपूर्ण धरना करते विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज किया जिसमें दो दर्जन से अधिक विद्यार्थी घायल हुए.
सूत्रों के अनुसार, हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता इस बात को मुद्दा बनाकर हंगामा करने आये थे कि एएमयू छात्रसंघ के दफ़्तर में जिन्ना की तस्वीर क्यों लगी है. इसे बहाना बनाकर उन्होंने जिस तरह परिसर को अशांत करने और पूर्व उपराष्ट्रपति पर हमला करने का प्रयास किया, वह घोर निंदनीय है.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की यह घटना विश्वविद्यालय परिसरों में पिछले चार सालों से जारी हिन्दुत्ववादियों की घिनौनी कारस्तानियों की ही ताज़ा कड़ी है. ऐसे हर अवसर पर उन्हें पुलिस और प्रशासन का पूरा सहयोग मिला है, चाहे वह हैदराबाद का परिसर हो, जनेवि का हो, या दिल्ली विश्वविद्यालय का. अन्य सभी परिसरों की तरह पुलिस ने यहाँ भी हिन्दू राष्ट्रवाद का झूठा नारा बुलंद करनेवाले अपराधियों को खुला छोड़ दिया और अपराध का प्रतिकार करनेवालों को अपना शिकार बनाया.
हम एएमयू परिसर में हिन्दू जागरण मंच की आपराधिक कारस्तानी और उसमें पुलिस की मिलीभगत की भर्त्सना करते हैं. साथ ही, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों पर पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज की भी भर्त्सना करते हैं. हम एएमयू शिक्षक संघ की केंद्र से की गयी इस मांग का समर्थन करते हैं कि वह दोषियों को सज़ा देने के लिए एक निष्पक्ष, समयबद्ध न्यायिक जांच का आदेश दे.
मुरली मनोहर प्रसाद सिंह (महासचिव)
राजेश जोशी (संयुक्त महासचिव)
संजीव कुमार (संयुक्त महासचिव)
(जनवादी लेखक संघ की विज्ञप्ति)
साभार: मीडियाविजिल