इस्लाम का पैगाम: धर्म की बाबत जबरदस्ती कत्तई नहीं की जा सकती | विनोबा भावे

Photo- MKGANDHI.ORG

सारांश यह है कि इस्लाम का यह सच्चा स्वरूप है । इसे ठीक – ठीक पहचानना चाहिए और उसका सार ग्रहण कर लेना चाहिए । इन्हीं सब के आधार पर इस्लाम टिका हुआ है, किसी जोर जबरदस्ती के आधार पर नहीं ।  कुरान में साफ़ तौर पर कहा गया है , “ला इकराह फ़िद्दीन “…

इस्लाम में ब्याजखोरी का तीव्र निषेध | विनोबा भावे

Photo-Horvat

इस्लाम ने ब्याजखोरी का भी तीव्र निषध किया है । सिर्फ़ चोरी न करना इतना ही नहीं, आपकी आजीविका भी शुद्ध होनी चाहिए । गलत रास्ते से की गई कमाई को शैतान की कमाई कहा गया है। इसीलिए ब्याज लेने की भी मनाही की गई है। कहा गया है कि सूद पर धन मत दो…

इस्लाम में एकेश्वरवाद का बहुमूल्य संदेश और ज़कात| विनोबा भावे

Photo-Horvat

इस्लाम का एकेश्वर (तौहीद) का संदेश भी बहुमूल्य है। सूफ़ी संत और फ़कीर महाराष्ट्र में भी गाँव – गाँव घूमते हुए, “ईश्वर एक है ” कहते रहे । उसी दौर में महाराष्ट्र का एक व्यक्ति पैदल ही निकला और ठेठ पंजाब तक घूम आया । वह पंजाब में बीस साल रहा । वे थे ,…

इस्लाम की असल पहचान : मानव-मानव का नाता बराबरी का है | विनोबा भावे

Photo-Horvat

यह निर्विवाद हकीकत है कि आरंभिक ज़माने में इस्लाम का प्रचार त्याग और कसौटी पर ही हुआ । प्रारंभ में इस्लाम का प्रचार तलवार से नहीं , आत्मा के बल से हुआ । कार्लाइल ने कहा है कि प्रारंभ में इस्लाम अकेले पयगंबर मोहम्मद के हृदय में ही था , न ? तब क्या वे…