[ Video ] Majma – Hum Ladenge Saathi | Paash

Poetry: Avtar Singh Paash

Composition: Ravinder Randhawa

Song from ‘Aaj Ke Naam’, a music album by Majma

हम लड़ेंगे साथी, उदास मौसम के लिये

हम लड़ेंगे साथी, गुलाम इच्छाओं के लिये

हम चुनेंगे साथी, जिंदगी के टुकड़े

हथौड़ा अब भी चलता है, उदास निहाई पर

हल अब भी चलता हैं चीखती धरती पर

यह काम हमारा नहीं बनता है, प्रश्न नाचता है

प्रश्न के कंधों पर चढ़कर

हम लड़ेंगे साथी

कत्ल हुए जज्बों की कसम खाकर

बुझी हुई नजरों की कसम खाकर

हाथों पर पड़े घट्टों की कसम खाकर

हम लड़ेंगे साथी

हम लड़ेंगे तब तक

जब तक वीरू बकरिहा

बकरियों का मूत पीता है

खिले हुए सरसों के फूल को

जब तक बोने वाले खुद नहीं सूंघते

कि सूजी आंखों वाली

गांव की अध्यापिका का पति जब तक

युद्ध से लौट नहीं आता

जब तक पुलिस के सिपाही

अपने भाईयों का गला घोटने को मजबूर हैं

कि दफतरों के बाबू

जब तक लिखते हैं लहू से अक्षर

हम लड़ेंगे जब तक

दुनिया में लड़ने की जरुरत बाकी है

जब तक बंदूक न हुई, तब तक तलवार होगी

जब तलवार न हुई, लड़ने की लगन होगी

लड़ने का ढंग न हुआ, लड़ने की जरूरत होगी

और हम लड़ेंगे साथी

हम लड़ेंगे

कि लड़े बगैर कुछ नहीं मिलता

हम लड़ेंगे

कि अब तक लड़े क्यों नहीं

हम लड़ेंगे

अपनी सजा कबूलने के लिए

लड़ते हुए जो मर गए

उनकी याद जिंदा रखने के लिए

हम लड़ेंगे !

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