[सुनिए] अमीर ख़ुसरो: ईदगाह-ए-मा ग़रीबाँ कूए तो | عیدگاه ما غریبا‌ن کوی تو

हज़रत अमीर ख़ुसरो ने यह कलाम अपने मुर्शिद (Spiritual Master) हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की शान में लिखा है. ईद के मौक़े पर अवाम इण्डिया

Read more

मैं नीर भरी दुख की बदली ! | महादेवी वर्मा

मैं नीर भरी दुख की बदली! . स्पन्दन में चिर निस्पन्द बसा क्रन्दन में आहत विश्व हँसा नयनों में दीपक से जलते, पलकों में

Read more

जो तुम आ जाते एक बार | महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के

Read more
Page 3 of 712345...Last »